“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें, मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ !! मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा…” मेरा कौन है ये https://youtu.be/Lug0ffByUck